
कार्यक्रम की रूपरेखा, आवश्यकता एवं चुनौतियों पर विस्तार से शासन द्वारा नामित उपनिदेशक श्री जफर खान द्वारा प्रकाश डाला गया। कायाकल्प के लिए निर्गत शासनादेशों एवं विद्युत संयोजन व पेयजल के मद में बजटीय प्रावधानों का निर्धारित अंश का उल्लेख करते हुए इनके उपयोग करने हेतु पंचायती राज एवं बाल विकास विभाग के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया। गोष्ठी में यूनीसेफ के स्टेट कन्सलटेंट श्री शशि मोहन उप्रेती द्वारा कायाकल्प, लर्निंग लैब आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल मैत्रिक शौचालय, कक्ष की लम्बाई-चैड़ाई ,रसोई घर, शौचालय शीट की ऊंचाई एवं आकार, किचेन, सिंक, पेयजल हेतु उपलब्ध टैप (नल) की ऊंचाई आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों की ऊंचाई के सापेक्ष उसके निर्माण पर जोर दिया गया एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा कतिपय बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मुख्य सेविकाओं ने क्रास प्रश्न पूछकर गोष्ठी को बहुआयामी बना दिया गया। गोष्ठी कार्यक्रम का ’एक परिचय एवं औचित्य’ जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज द्वारा प्रकाश डाला गया एवं मंच का संचालन किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री नवनीत सिंह चहल, मुख्य विकास अधिकारी श्री गौरव कुमार, मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 आशु पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर, जिला विकास अधिकारी प्रयागराज, जिला विकास अधिकारी कौशाम्बी, जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज, जिला कार्यक्रम अधिकारी फतेहपुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी कौशाम्बी, जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रतापगढ़ एवं कन्वर्जेंस विभाग यथा-पंचायतीराज, स्वास्थ्य विभाग एवं बेसिक शिक्षा के अधिकारी व मण्डल के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी/प्रभारी उपस्थित रहे। अन्त में श्री दिनेश सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज के द्वारा गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले समस्त अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया।