जी हा दयावाज निकला सावन का महीना , सूखे की आशंका से किसानो मे निराशा

शंकरगढ नारीबारी (प्रमोद बाबू झा, चंद्रमणिमिश्र)
यमुनापार के तहसील बारा का पठारी क्षेत्र शंकरगढ़ विकाश खण्ड है और इस बार जब सावन का महीना जेठ की तरह रहा तो किसानो की आश टूटा और निराश हो गये है शंकरगढ के मध्य प्रदेश सीमा से सटे भारत नगर, लोहरा, झझरा, नारीबारी,जूही सुरवल हिनौती, मौहरिया, सतपुरा, पटिवार, भगदेवा कपङौरा फरिहा जिगना सही-सहित तमाम गावो का किसान मानसिक तनाव मे हो छेत्र
सूखे की चपेट में हैं।
प्रारंभिक बारिश के बाद निजी संसाधनों से क्षेत्र के किसानों ने किसी तरह धान की नर्सरी तैयार कर रोपाई या मंहगी बीज खरीद कर सूखी बोवाई कर दिया था। बरसात न होने और बाघला पंप नहर का टेल पड़ने के कारण रोस्टर तक नहर भी न चलने से जहां अभी भी सैकड़ो एकड़ भूमि बिना रोपाई के पड़ी है,वहीं रोपी गई फसल पानी के बिना खेतों में सूखती जा रही है। टेल तक नहर न चलने पर समाजसेवी किसान विजय शंकर शुक्ल ने अधिशाषी अभियंता प्रवीण जोशिया से बात किया तो अधिशाषी अभियंता ने समुचित बिजली न मिल पाने के कारण समस्या बताया। उधर किसान प्रतिनिधि रमाशंकर मिश्र, पूर्व प्रधान जूही जीतबहादुर सिह पूर्व प्रधान ,अवधबिहारी सिंह ,
विद्याकान्त, सूर्यकांत शुक्ल, मनीष, सुधाकर सिंह पटेल, विकाश चन्द, मुन्ना लाल शुक्ल केडी मौर्य राजबहादुर सिह हिनौती ,सहित किसानों ने पूरी छमता से बाघला पंप नहर टेल तक चलवाने तथा सर्वेक्षण करा कर सूखा प्रभावित घोषित कराने की मांग किया है

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