मां केवल जन्मदात्री नहीं जीवन की सच्ची निर्मात्री भी है : इंद्रसेन सिंह पटेल

शंकरगढ़ ,प्रयागराज से प्रमोद बाबू झा ।मातृ दिवस के अवसर पर समाजसेवी व प्रबंधक इंद्रसेन सिंह पटेल ने मां की महिमा को नमन करते हुए कहा कि मां का रिश्ता संसार के सभी रिश्तों से में सबसे पवित्र निस्वार्थ और सर्वोपरि होता है । मां की ममता त्याग और प्रेम की तुलना किसी भी सांसारिक वस्तु या भावना से नहीं की जा सकती । मां ही वह शक्ति है जो संतान के भविष्य को आकर देती है और उसके जीवन को अपने स्नेह से संवारती है । भावुक होते हुए उन्होंने कहा की मां ही दुनिया की सबसे अनमोल उपहार है उसके आंचल में जीवन के सारे सुख समाए होते हैं मां ही हर बच्चे की पहली पाठशाला पहले गुरु सबसे बड़ा सहारा है । इंद्रसेन सिंह ने मातृत्व को सृष्टि का आधार बताते हुए कहा कि मां धरती पर विधाता की प्रतिनिधि है वह केवल जीवन देने वाली नहीं बल्कि जीवन को सहेजने संवारने और मार्ग दिखाने वाली शक्ति है । मां का आशीर्वाद संतान की सबसे बड़ी पूंजी होती है और मां के संस्कार ही व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक बनाता है । उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मां के प्रति आभार प्रकट करने के लिए एक दिन नहीं बल्कि पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है । मां प्रेम ,करुणा ,ऊर्जा और वात्सल्य का वह पवित्र स्रोत है जो बिना किसी अपेक्षा के जीवन भर संतान के सुख-दुख में सहभागी बनी रहती है । मां सपनों को बुनती है और यह संसार उन्हीं सपनों की बुनियाद पर खड़ा होता है मां की गोद में जो शांति है वह कहीं और नहीं मिलती । मां पास रहे या ना रहे उसके संस्कार और उसका प्रेम जीवन भर साथ रहता है । इसलिए मां को प्रथम गुरु कहा गया है अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा मेरी मां गरीब घर से थी उन्होंने मुझे करुणा ,प्रेम और निर्भयता सिखाई ,यदि प्यार एक फूल है तो मां वह फूल है जिसकी सुगंध जीवन भर साथ रहती है । हमारे विशेष प्रतिनिधि विकास पटेल के अनुसार कार्यक्रम के अंत में उन्होंने समाज से आह्वान किया की माताओं के त्याग ,ममता और योगदान को केवल शब्दों में नहीं आचरण में उतार कर सम्मान देना चाहिए । बच्चों को प्रतिदिन माता - पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए और मां के सपनों को साकार करने के लिए समर्पित जीवन जीना चाहिए ।

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